Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Revealed
Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Revealed
Blog Article
वाराही शाबर मंत्र
लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती
ॐ नमो आदेश गुरु को कामरु देश कामाक्षा देवी तहाँ बैठे इस्माइल जोगी, जोगी के आँगन फूल क्यारी फूल चुन-चुन लावे लोना चमारी फूल चल फूल-फूल बिगसे फूल पर बीर नरसिंह बसे जो नहीं फूल का विष कबहुं न छोड़ें मेरी आस मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
विधि: मंगलवार के दिन सबेरे हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। फिर उपर्युक्त मन्त्र को सवा लाख जपकर सिद्ध करें। इसके पश्चात् मस्तक पर चन्दन का तिलक लगाकर वहाँ से इसी मन्त्र का जप करते हुए इच्छित स्त्री या पुरुष के पास जाएं। इस क्रिया से वह आपके वश में हो जाएगा/हो जाएगी। अमुक के स्थान पर उसका नाम अवश्य लें। (और पढ़ें; हनुमान सिद्ध शाबर मंत्र
कामाख्या वशीकरण मंत्र के प्रयोग की प्रक्रिया में विशेष ध्यान देना चाहिए। यह मंत्र किसी भी शक्तिशाली व्यक्ति या तंत्रिक आचार्य के मार्गदर्शन और अनुशासन में ही किया जाना चाहिए। यदि इसे गलत तरीके से प्रयोग किया जाता है, तो यह नकारात्मक प्रभाव भी दे सकता है।
इसमें विभिन्न यंत्र, तंत्र, और ताबीज का उपयोग किया जाता है.
किसी तरह के दरुपयोग के लिए इसका प्रयोग न करे वर्ना आपके फल नष्ट होंगे.
ऊं नमो भगवते कामदेवाय, यस्य यस्य दृश्यो भवामि, यश्च यश्च मम मुखम पछ्यति तत मोहयतु स्वाहा”
पुष्प वशीकरण, में फूलों के जरिए किसी व्यक्ति को अपने वश में किया जाता है। अधिकांश मामले में यह मंत्र प्रेमी प्रेमिका के ऊपर प्रयोग किया जाता है। इससे उनके भीतर प्रेम जाग जाता है।
कामाख्या वशीकरण मंत्र का उच्चारण और उसके प्रयोग की प्रक्रिया की समझ के लिए व्यक्ति को समाप्त ज्ञान, निष्काम भावना, और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
आप इसे साधना के बाद भी कर सकते है. कृष्ण मोहन साधना का प्रयोग तो आप नियमित तौर पर सकते है.
विधि: read more इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में दस हजार बार जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय बृहस्पतिवार को प्रसन्न होकर थोड़ा-सा नमक लेकर उसे सात बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करके जिस स्त्री को मोहित करना हो, उसके खाने-पीने की वस्तु में वह नमक मिला दें। वह स्वी साधक पर तन-मन-धन से मोहित हो जायेगी। देवदत्ती के स्थान पर साध्य स्त्री के नाम का उच्चारण करें।
ॐ नमो अरिहताणं। अरे अरिणी मोहिनी। ‘अमुकी’ मोहय मोहय स्वाहा।
कामाख्याये वरदे देवी नीलपर्वतावासिनी